शनिवार, 17 दिसंबर 2011

तुम वो तो नहीं हो?












तुम वो तो नहीं हो?

जिसे वो ढूंढते हुए
आया था यहाँ ?

"कहाँ है अब वो ?"
पूछा उसने ...

वो तो चला गया ;

दो महीने होने को आये

बिना किसी को कुछ बताये
वो अचानक एक दिन चला गया...

कुछ दिन पहले ही मुझे पता चला..

एक ख़त छोड़ गया था;

कह रहा था कि
तुम आओगी यहाँ;

हर रोज़ आता था यहाँ;

यही मुलाक़ात हुयी थी उस से;

उस दिन बहुत उदास था;

मुझसे घंटो तुम्हारी
बाते किया करता था;

ये एक ख़त
छोड़ गया है तुम्हारे नाम;

मैंने उस से कहा भी था
कि पता नहीं मै

ये तुम्हे दे भी पाऊंगा या नहीं ;

पर उसे पूरा यकीन था;

तुम्हे देख के लगता है
वो गलत नहीं था....

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