रात एक इश्तहार हो जैसे;
कोई पहले को प्यार हो जैसे...
दिल रह रह के क्यों धड़कता है;
दिल फिर बेकरार हो जैसे..
ज़िन्दगी अब भी क्यों नहीं फानी;
किसी का इंतज़ार हो जैसे..
कोई पहले को प्यार हो जैसे...
दिल रह रह के क्यों धड़कता है;
दिल फिर बेकरार हो जैसे..
ज़िन्दगी अब भी क्यों नहीं फानी;
किसी का इंतज़ार हो जैसे..
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