हम ख़याल
शनिवार, 3 दिसंबर 2011
उस मोड़ पे जहाँ मै कमज़ोर पड़ जाता हूँ;
मेरा दोस्त मुझको क्यों वहां खींचता है...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें