मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

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तू है तो ज़माने को ज़रुरत नहीं मेरी;
अब तक तो उसको भी आदत नहीं मेरी..

कुछ उसूल हैं जो मै भी तेरे साथ नहीं हूँ;
घरों में आग लगाने की चाहत नहीं मेरी..


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