मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

कविता,

मेरी किताब के खाली पन्ने
मेरी कलम की नीली स्याही
मेरी मेज़ का टूटा कोना;

एक कहानी को याद करते हैं,

मेरे मोबाइल के पुराने मेसेज;
मेरे इ-मेल के पुराने चिठ्ठे;
मेरी डायरी की पुरानी कतरने;

उस जवानी को याद करते हैं..

मेरी हलक का सूखा हिस्सा;
मेरे दिल का रूठा किस्सा;
मेरी आँख की पलकों के हिस्से;

उस पानी को याद करते हैं...

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