मंगलवार, 12 अप्रैल 2011

नाम

कुछ नाम है मेरे पास

जिनका कोई मतलब नहीं 

आम तौर पर बेमतलब के नाम 
नहीं  होते 

वो तो रखे ही ऐसे जाते हैं 
जिनका कुछ मतलब हो

ऐसे जिन्हें रखने से असर पड़े

नेक लोगों के नाम पे
अच्छे  हौसलों के नाम पे
पर इस से कुछ असर पड़ते 
मैंने नहीं देखा कभी
 
हाँ 
लोग नाम की तौहीन करने में 
आगे रहते हैं ज़्यादातर

जैसे कल अब्दुल चौराहे  पे खड़े हो के 
गालियाँ बक रहा था

या वो राम जो शराब के नशे में 
अपनी बीवी को पीट रहा था

मै ये नाम

नीलाम कर दूंगा 

किसी अबस्ट्राकट पेंटिंग 
की तरह जो आजकल 
महंगे दामों में बिक जाती है
     

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