हम ख़याल
शनिवार, 16 अप्रैल 2011
पसंद नापसंद के वजूहात
ढेरों हो सकते है कभी कभी
और कभी एक वजह भी नहीं होती
सिर्फ दिल में एक आवाज़ होती है
जो पहले कभी दबी दबी सी थी
अब अचानक वही चीज़
जोर जोर से चीखने लगती है
.........
2 टिप्पणियां:
डॉ. मोनिका शर्मा
ने कहा…
सुंदर ...हाँ यही तो होता है...
17 अप्रैल 2011 को 8:29 am बजे
Shahid Ansari
ने कहा…
shukriya..!
17 अप्रैल 2011 को 2:03 pm बजे
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2 टिप्पणियां:
सुंदर ...हाँ यही तो होता है...
shukriya..!
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