मेरे रास्ते अब मुझ से
कहते है इतना तेज़ न चलो
इतना तेज़ नहीं की कुछ देख न पाओ
कितने मोड़ पीछे छूटे जाते हैं
कितने ख्वाब मुड़े जाते हैं
उन्हें खोल के देखो
पढो उन्हें ,समझो उन्हें
थोडा महसूस करो
यूँ न करो
कि देख के उन्हें अनदेखा कर दो
वरना वो भी एक दिन ऐसा ही करेंगे
और उस दिन
सिवा अफ़सोस के तुम कुछ नहीं कर पाओगे...
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