कहीं कुछ बात तो नहीं
ऐसा तो नहीं
कि कोई तूफ़ान आ के गुज़र गया हो
या फिर
ये किसी तूफ़ान के आने के पहले
कि ख़ामोशी है
सिर्फ आज क्यों
आज का दिन चुनने कि कोई खास वजह
क्या आज ही के दिन पिछली बार कुछ
अच्छा हुआ था
जिसकी याद आज फिर आ रही है
मुझे पता है तुम्हे कुछ नहीं कहना
और तुम कुछ बोलोगे भी नहीं
पर मेरा दिल कहाँ मानता है
मै तो पूछ पडूंगा
भले तुम जवाब दो ना दो
बोलो
बड़े खामोश दिखते हो
कहीं कुछ बात तो नहीं?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें