आज मालूम हुआ मुझे कि अब खोने को कुछ ना रहा
मेरे आंसूं भी आज हैरान है मुझे देख कर
जाने क्या हुआ जो अब रोने को कुछ ना रहा
तुम्हारा बाद अब बस इतनी आसानी है मुझे
अब कोई ख्वाब संजोने को कुछ ना रहा
बहुत हल्का है अब उम्मीदों का बोझ
एक बोझ उतर गया तो अब ढोने को कुछ ना रहा
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