हम ख़याल
सोमवार, 20 दिसंबर 2010
कमबख्त
साली उधार की ज़िन्दगी
कौन कहता ये अपनी है
ये तो लीज़ पे मिली है
कई सारी शर्तों के साथ
हर महीने किराया मांगती है
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