गुरुवार, 8 नवंबर 2018

किनारा

और मैं देख रहा था
किनारा
उस तरफ की दुनिया
धुँधली सी
हल्की रोशनी सूरज की
एक टूटी डाल नदी के बीच
चिड़ियों का एक झुंड
पानी पीता हुआ

हरे पौधे
खिले हुए फूल
चमकते चेहरे
जन्नत को याद करते हुए इंसान
रहमत को याद करते हुए इंसान
और मैं इस किनारे बैठा
देख रहा था
दुनिया का आखिरी सिरा

लाल सुर्ख सूरज
कड़ी धूप
भूख से बिलबिलाते कुत्ते के पिल्ले
भगवान को याद करते इंसान
इंसान को याद करते इंसान
शैतान को याद करते इंसान

मैं देख रहा था
बेबस और लाचार
खुदा भी देख रह था
बेबस और लाचार ?

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