गुरुवार, 8 नवंबर 2018

नया साँचा

और तुम भी उन जैसे हो
उनमे और तुम में कोई फ़र्क़ नहीं
लोग तुम्हें भी झूठा समझते हैं

तुम जो देखते हो खुद को
वो दूसरों को नज़र नहीं आता

दुसरे तुम्हारी बातों पे गौर करते हैं
मतलब निकालते हैं
और बाकी दुनिया की तरह
समझ लेते हैं तुमको भी

जो दिल के कोने हैं
वहाँ रौशनी नहीं जाती
इसलिए देख नही पाता कोई

आसान होता है
बने बनाये सांचों में लोगों को डालना
कोई नया साँचा नहीं बनाता
तुम्हारी माप का

इसलिए बातों को तौल के बोलो
वरना लोग पहले तुम्हारी बातों से नफरत करेंगे
फिर तुमसे करेंगे

और यकीन नही दिला पाओगे उन्हें
कि जो वो देख रहे हैं
वो पूरी तस्वीर नहीं है

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